सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत | मौसम है रंगीन हर तरफ नीले अम्बर के नीचे , प्यारी - प्यारी धूप लग रही आज शीत का हो गया अन्त | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत | बाग़ - बगीचों की शोभा लगती है कितनी प्यारी , खुशहाली के इस दिन पर झूम रही क्यारी -क्यारी , पीले -पीले पुष्प सुनाते यह सन्देश हैं हमको , उठो - उठो देखो हर ओर नभ में छाया आज बसंत | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत | विद्या की देवी सरस्वती हम पर प्यार लुटाती है , इसीलिए इस दिन पर देखो उसकी पूजा होती है , इस दिन पर कोयल हमको मीठा गीत सुनाती है , कोयल के मीठे स्वर कुंजन में बहता आया आज बसंत | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत | स्वच्छ आसमां लगता है इस दिन कितना प्यारा , रंगीन पतंगों से है देखो भरा हुआ नभ सारा , पीली - पीली सरसों के संग आया है फलदार बसंत | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत |