संदेश

अक्तूबर, 2009 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री के जनम दिवस पर हर्दिक बधाई दो अक्टूबर

चित्र
दो अक्टूबर बहुत महान । इसकी अज़ब निराली शान । इस दिन गुलशन में दो दीप जलें , जिनसे चमका हिन्दुस्तान । पहला सीधा - सच्चा था , दूजा दुबला - पतला था , थे, दोनों गुण की खान । दोनों भोले - भाले थे , दुश्मन के वो छाले थे , थे, दोनों चलते सीना तान । पहले ने मान सिखाया , दूजे ने मान कराया , दोनों ने दिलवाया था , निज भारत को सम्मान । पहला सत्य अहिंषा प्रेमी , दूजा बड़ा समर्थक था , प्राप्त हुई आज़ादी उनसें , हम रखेंगें इसकी आन ।

गाँधी का अर्थ

चित्र
जाने कितने कष्ट उठाकर , बापू ने गाँधी नाम कमाया । एक लगौंती , एक लाठी से, भारत को आजाद कराया । बापू तुम तो सदा रहे थे , तन और मन दोनों से सच्चे । पर आज यहाँ के मानव देखो, तन और मन दोनों के कच्चे । बापू की तस्वीरें लगीं हुई , हैं , सरकारी दरबारों में । रोज़ हारता सत्य जहाँ पर हिंसा होती बाज़ारों में । राजा और प्रजा सब अपने को गाँधी का वंशज कह्ते है । अन्याय, अनीति दुराचार से, गाँधी को शर्मिंदा करतें हैं । गाँधी का देखो नाम यहाँ पर भ्रस्टाचार का पर्याय बन गया । देश जहाँ भी जाए जाने दो , घर भरना उद्देश्य रह गया । मत दुरुपयौग करो गाँधी का गाँधी की आत्मा रोएगी । तेरीं पीढियाँ तेरी करनी पर हर युग में शर्मायेगीं । पहले आचरण शुद्ध करों तब गाँधी कहलाओगे । देश हितों का ध्यान रखोगो तो महात्मा गाँधी बन जाओगे ।