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पंकज के दोहे

साहस कभी न छोड़िये,देख मुसीबत मीत ।  रहा अडिग चट्टान सा ,उसने पायी जीत ।।  साहस जीवन में भरे ,मित्र सुनो नव रंग ।  आस पास के लोग सब ,रहते उसके संग।।  पंकज साहस व्यक्ति का ,है अचूक हथियार ।  इसके सफल प्रयोग से ,होती कभी न हार ।।  नाव फँसी मझधार में ,मत छोड़ो पतवार ।   साहस से बढ़ते चलो , हो जाओगे पार ।।  साहस से विपदा टले ,मन में रख विश्वास ।   दुश्मन भी आये नहीं ,पंकज तेरे पास।।

जिम्मेदारी जिसे मिली ,वह चोरों का सरदार लग रहा

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मित्रों प्रस्तुत है एक नया गीत

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मित्रों आइये सुनते हैं गीत ऋषि आ.डाँ. गोपाल दास नीरज जी का एक गीत ।

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