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जनवरी, 2010 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

मैं हूँ कोयल

मैं हूँ कोयल प्यारी प्यारी , हर पक्षी से मैं हूँ न्यारी  | डाल  - डाल फुदक -फुदक कर , मैं मीठा गीत सुनाती हूँ  | बागों की मैं रानी हूँ  , सबमें खुशहाली लाती हूँ | मीठे -मीठे सन्देशों से , सबका दर्द मिटाती हूँ  | मैं हूँ कोयल मतवाली , मैं हूँ कोयल काली -काली , मिसरी जैसी  मेरी बोली , मेरी कोयलिया कूँ - कूँ से , झूम उठे क्यारी -क्यारी | मैं हूँ कोयल प्यारी -प्यारी | हर पक्षी से मैं हूँ न्यारी  |

बसंत

सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत  | मौसम है रंगीन हर तरफ नीले अम्बर के नीचे , प्यारी - प्यारी धूप लग रही आज शीत का हो गया अन्त  | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत  | बाग़ - बगीचों की शोभा लगती है कितनी प्यारी , खुशहाली के इस दिन पर झूम रही क्यारी -क्यारी , पीले -पीले पुष्प सुनाते यह सन्देश हैं हमको  , उठो - उठो देखो हर ओर नभ में छाया आज बसंत  | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत  | विद्या की देवी सरस्वती हम पर प्यार लुटाती है  , इसीलिए इस दिन पर देखो  उसकी पूजा होती है , इस दिन पर कोयल  हमको  मीठा गीत सुनाती है , कोयल के मीठे स्वर कुंजन में बहता आया आज बसंत | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत  | स्वच्छ   आसमां  लगता है इस दिन कितना प्यारा , रंगीन पतंगों से है देखो  भरा  हुआ  नभ   सारा  , पीली - पीली सरसों के संग आया है फलदार बसंत  | सुखद बहारें लेकर आया , फिर से आज बसंत  |  

टमाटर

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लाल टमाटर प्यारा है , हर सब्जी से न्यारा है  | जो भी इसको खाता है , चुस्ती - फुर्ती पाता है  | कभी नहीं  हो  वह  बीमार , सारे जग का पाये प्यार  |

अनार

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  जो भी खाये लाल अनार , शक्ति पाये अपरम्पार   | लाल - लाल तन दमके उसका , हीमोग्लोबिन का भंडार   ||

नव - वर्ष मंगलमय हो

जीवन में आयें नए , नए - नए नित हर्ष   | मंगल - मय हो , हर्ष मय , सुख मय नूतन वर्ष  | | ओम प्रकाश अडिग  रोशन गंज , शाहजहांपुर  २४२००१ मो . न. 09936141826