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नव वर्ष शुभ हो

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                                       प्रेम बहे , शुभ कामना  ,                                        सुख हो अपरम्पार  |          हो नवीन इस वर्ष में ,                                                                      अमृतमय - संसार  | ओम प्रकाश अडिग  रोशन गंज , शाहजहांपुर - 242001  

शुभ कामना

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नित -नित हों हर्ष नए , नभ से उत्कर्ष नए  | प्रेम पुष्प जीवन में , खिलें -मिलें वर्ष नए  | ओम  प्रकाश अडिग रोशन गंज ,शाहजहांपुर  242001

भारतीय ध्वज

2010 अभिनन्दन है 2010

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आ ओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है   | हरी दूब है बिछी हुई , तेरे स्वागत मैं , खिली सुनहरी धूप , तुम्हारे स्वागत में गीत गा रहा ,खुशियों  के स्वच्छ गगन है आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है   | पक्षी कलरव करतें हैं ,तेरे स्वागत में , भँवरे गुनगुन गाते ,तेरे स्वागत में , हर पुष्प खिला है ,महक रहा सारा उपवन है , आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  | चहुं ओर जल रहे ,नन्हें दीपक ,तेरे स्वागत में , हर द्वार सजा है ,आज तुम्हारे स्वागत में , आओ तुमको सभी बुलाते ,तू तो प्यारा जग नंदन है , आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  | आओ ,भय मुक्त करो ,जन मानस को तुम , समता का पाठ सिखाओ , सबको तुम , एक राह पर मिलकर चलने का सन्देश सुनाओ तुम , आज की इस मधुरिम बेला पर ,तुमको सब कुछ अर्पण  है     आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  | मतभेदों के शिखर गिराओगे, तुमसे यह आशा है , स्वप्न अधूरे पूर्ण करोगे , तुमसे यह अभिलाषा है , श्रम को फिर से न्याय मिलेगा , आज कह रहा जन -जन है , आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  |    

आया है नव - वर्ष 2010

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  खुशियों का अम्बार लिये ,  आया है नव - वर्ष | आहाल्दित करता सबका मन , आया है नव -वर्ष | पूरब में दिनकर को लेकर , आया है नव -वर्ष  | नभ में पक्षी करें किलोरें , आया है नव- वर्ष  | मन में भरता नयीं हिलोरें , आया है नव -वर्ष | वन -उपवन सब महक रहें हैं , आया है नव -वर्ष  | उत्साहित -आनन्दित सब हों ,कहता है नव -वर्ष | दुःख का नामो निशाँ न हो , सुख मय हो नव -वर्ष | मत भेदों से दूर रहें हम , कहता है नव -वर्ष   | समता का हम पाठ सिखायें , कहता है नव - वर्ष  | गुंजायमान हो स्वर लहरी , कहता है नव - वर्ष  | पंकज सबकी मनों कामना, पूरी हों इस वर्ष  | 

नव वर्ष शुभ हो

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                                                                                                                आ गया नव वर्ष तेरे द्वार पर फिर  दे रहा तुमको बधाई आज है | शक्ति ज्ञान  तुझे   देगा यह , कुमति दूर कर देगा   यह  , मार्ग प्रशस्त करेगा तेरा  , रखेगा सम्मान यह तेरा | गुणियों के आधार बनोगे , प्लावित ज्ञान की गंगा करोगे , तारोगे  और तर   जाओगे | पंथ तुम्हारा निष्कंटक हो , पंथ तुम्हारा उज्जवल होगा | कनक कलेवर सा सुंदर मन , चन्दन सा सुरभित होगा | तब जय का परचम लहरायेगा| रेखा- चित्र सफलताओं का   , नूतन वर्ष यहाँ लिख देगा | सारा विश्व चकित होगा जब  , तो गर्व मुझे भी तुम पर होगा | रह जायेगा सत्य यहाँ पर , सोना तो सोना ही होगा | नव वर्ष के नव प्रभात पर , जब भाई -भाई गले मिलेगें , तो दृश्य यहाँ का अदभुत का होगा |

नव वर्ष मंगल मय हो

नव प्रभात पर उदित भास्कर , आलोकित कर दे कण - कण | हर पल गुलाब महके जीवन में ,खुशियों से भरा रहे आँगन || तुहिन बिन्दु सी अमल धवल , सुरभित   हो   जैसे   चन्दन | मंगल मय नव वर्ष तुम्हें हो , भेज रहा हूँ मैं अपना  मन  ||