दोहा
धनी हुआ तो क्या हुआ , जो करे न कौड़ी दान |
जीवन उसका व्यर्थ है , जो जीता बिन सम्मान ||
जग की चिंता न करे , लक्ष्य , जो पाना होय |
पथ में भूकें श्वान से , पथ नहिं बाधित होय ||
भाग्य सहारे बैठकर , मत छोड़े तू आस |
बुद्धि ,शक्ति ,ज्ञान- बल , सब कुछ तेरे पास ||
पंकज परिवर्तन देखकर , काहे चित्त अधीर |
लाभ - हानि के सोच में , मुद्रा क्यों गम्भीर ||
bahut badiya
जवाब देंहटाएंवाह..!!
जवाब देंहटाएंआप तो बहुत ही बढ़िया दोहा लिखते हैं..
बधाई है आपको..
सही दोहे!!
जवाब देंहटाएंआज के कबीर!!
wow !!!!!!!!
जवाब देंहटाएंgajab ki kundli likhi he aap ne
http://kavyawani.blogspot.com/
shekhar kumawat
বহুত সুন্দের দহে হেন
जवाब देंहटाएंকফি প্রাভাহ্শালী হেন আপকে দহে
আইসে হি দহে অর লিখিয়ে
ধান্যাভাদ পঙ্কজ জি
সুস্মিতা বানার্জী সুষমা
बहुत खूब कबीर दास जी
जवाब देंहटाएंआपको सुंदर दोहों के लिए लाखों बधाइयाँ
ऐसे दोहे लिखते रहिये पंकज जी
अल्लाह आपको और लिखने की सदबुद्धि दे
मैं आपके लिए अल्लाह से यही दुआ करता हूँ
बहुत सुंदर दोहे हैं
जवाब देंहटाएंऐसे ही दोहे और पोस्ट कीजिये
आपने कमाल कर दिया पंकज जी
जवाब देंहटाएंकमाल के दोहे लिखे हैं
ati sundar dohe hai.
जवाब देंहटाएंthank you
सभी मित्रों और शुभ -चिंतको को मनोबल बढाने के लिए कोटि -कोटि धन्यवाद
जवाब देंहटाएं