बिकता है देखो न्याय जहाँ , ऐसे यह न्यायालय हैं | सत्ता के गलियारे देखो , बने आज वैश्यालय हैं | ओहदों को लेकर घूम रहें वो , चम् -चम् करती कारों में , मंत्रियों के राज महल बन गये , चोरों के मुख्यालय हैं | .....wow...vaah...vah bahut sundar rachna.bilkul sahi chitra.
तू पथ पर अपने चलता चल | मंजिल को पास बुलाता चल | सभी समस्याओं का मिलकर , बात -चीत से निकले हल | कैसी भी हो आग भयानक , कर सकते हो तुम शीतल | मंदिर हो या गुरुद्वारा हो , शीश झुका दें गंगा जल | चंदा -तारों से हम सीखें , कैसे रहते हैं यह हिलमिल | निश्वार्थ भाव से नदिया कैसे , कल-कल कर बहती अविरल | भेद न करती भारत माँ है , सब पर फैलाये अपना आँचल | पंकज द्वैष-भावना त्यागो , जीवन बन जायेगा परिमल |
प्राणी ऐसा जगत में , जन्म न लिया कोय | होवे पूरा सदगुणी , अवगुण एक न होय || पंकज विपदा साथ दे , उसको अपना मान | जस सुनार घिस- घिस करे ,सोने की पहचान ||
इज्म की बैसाखियों से ,चाँद पाया आपने | संदिग्ध मेघों के सहारे ,रवि छिपाया आपने | क्षणिक है आनंद तेरा ,तुम यह न भूलो ,, शेष कुछ भी न बचेगा ,तूफां आने की देर है |
बिकता है देखो न्याय जहाँ , ऐसे यह न्यायालय हैं |
जवाब देंहटाएंसत्ता के गलियारे देखो , बने आज वैश्यालय हैं |
ओहदों को लेकर घूम रहें वो , चम् -चम् करती कारों में ,
मंत्रियों के राज महल बन गये , चोरों के मुख्यालय हैं |
.....wow...vaah...vah bahut sundar rachna.bilkul sahi chitra.
चोरों के मुख्यालय हैं |
जवाब देंहटाएंachi line he
शानदार व्यंग्य
BADHAI IS KE LIYE AAP KO
SHAKHE KUMAWAT
http://kavyawani.blogspot.com/
नितांत सत्य कहा है आपने
जवाब देंहटाएंएक अच्छा करारा व्यंग
जवाब देंहटाएंतीखा व्यंग......"
जवाब देंहटाएंबहुत तेज व्यंग्य है
जवाब देंहटाएंइस देश में ऐसा ही है
जवाब देंहटाएंbahut jabardast vyang hai
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