मुक्तक

चीर कर वक्ष देख आओ , व्योम का आधार क्या है  |
नाप कर उर देख आओ , धरा का आकार क्या  है  |
तुम युग के सूरज हो , युग मानव हो ------
झाँक कर तुम देख आओ , क्षितिज के पार क्या है    | 

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