सूरज


 रोज सवेरे सूरज आकर ,
जग में उजियाला करता  |
चाहे कोई धर्म , मजहब हो ,
उनमे भेद नहीं करता  |
जीवन पथ पर बढते जाओ ,
हमको राह दिखाता है  |
कर्तव्य मार्ग से डिगो नहीं ,
हमको यही सिखाता है  |

टिप्पणियाँ

  1. sunadar rachna


    bahut khub

    shkhar kumawat

    http://kavyawani.blogspot.com/

    जवाब देंहटाएं
  2. प्रिय मित्रों
    सुंदर मार्गदर्शन के लिए धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं
  3. बहुत ही खूबसूरत लिखा है आपने भाई पंकज जी
    धन्यवाद

    जवाब देंहटाएं

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