मुक्तक

तुम यदि ठान लो  तो, सूर्य अश्वों का भी मुँह मोड़ सकते हो   |
तुम यदि ठान लो तो , मदमस्त तूफ़ान को भी रोक सकते हो  |
तुम  भरत - पुत्र  हो , अपने को पहचानो  ................. ,
चाँद करे यदि गद्दारी  , तो राहू को चाँद बना सकते हो   |

टिप्पणियाँ

  1. तुम भरत - पुत्र हो , अपने को पहचानो ................. ,
    चाँद करे यदि गद्दारी , तो राहू को चाँद बना सकते हो |


    बहुत अच्छी प्रस्तुति
    bahut khub

    http://kavyawani.blogspot.com/

    shekhar kumawat

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