मुक्तक

नैया मैंने तुमको दे दी , पर पतवार नहीं दूँगा  |
अनवरत सिलसिला मौतों का ,यह अधिकार नहीं दूँगा  |
सौगंध बाबा अमरनाथ की लेकर मैं कहता हूँ   ,
कश्मीर हमारा प्यारा है , तुमको कश्मीर नहीं दूँगा  |

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