आँसू

कभी बनकर निकलते हैं ,
दिलों बहार यह आँसू   |
कभी बनकर छलकते हैं  ,
ग़मों बौछार यह आँसू  |
मंथन यहाँ होता  ,
दिलों - दिमाग पर जब हैं |
हैं , दिखाते जिन्दगी   की  ,
तस्वीर यह आँसू  |

टिप्पणियाँ

  1. मैल हृदय का धुल सके बहते आँसू खास।
    कोशिश भी बेहतर लगी करते रहें प्रयास।।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  2. धन्यवाद भाई श्यामल सुमन जी
    महत्व पूर्ण टिप्पणी के लिए
    आपका प्रोत्साहन ही हमारा साहस है

    जवाब देंहटाएं
  3. BILKUL SAHI YE AASUN BADE KAM KI CHIZ HE GAM HO YA KHUSI HAR ME AA JATE HE

    http://kavyawani.blogspot.com/

    SHEKHAR KUMAWAT

    जवाब देंहटाएं

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