मैं हूँ कोयल ; आदेश कुमार पंकज

मैं हूँ कोयल प्यारी - प्यारी,
हर पक्षी से मैं हूँ न्यारी ।
डाल - डाल पर फुदक
-फुदक कर
मैं मीठा गीत सुनाती हूँ ।
बागों की मैं रानी हूँ ,
सबमें खुशहाली लातीं हूँ ।
मीठे - मीठे संदेशों से ,
मैं सबका दर्द मिटाती हूँ ।
मैं हूँ कोयल मतवाली ,
मैं हूँ कोयल काली - काली ।
मिसरी जैसी मेरी बोली ,
मेरी कोयलिया कूँ - कूँ से ,
झूम उठे क्यारी - क्यारी ।
मैं हूँ कोयल प्यारी - प्यारी ।
हर पक्षी से मैं हूँ न्यारी ।



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