दोहा

गोयटा जलता देखकर , गोबर हँसता जाय |
पंकज क्यों है हँस रहा , कल तेरी बारी आय ||  

टिप्पणियाँ

  1. गोयटा जलता देखकर , गोबर हँसता जाय |
    पंकज क्यों है हँस रहा , कल तेरी बारी आय

    बहुत खूब .....!!

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  2. बहुत सुंदर दोहा

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  3. शिक्षा प्रद है

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  4. कृपया गोयटा का अर्थ बताने का कष्ट करें .

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  5. बहुत सुन्दर पंक्तियाँ और भाव है !

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