मुक्त्तक

भीख माँगों  न उनसे , जो खुद माँगतें  हैं   |
सहारा माँगों न उनसे , जो खुद छीनतें हैं   |
शीश मत झुकाना कभी , उनके सामने ,
बैसाखियों पर दूसरों की , जो मौज करतें हैं  |

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