2010 अभिनन्दन है 2010

ओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है   |
हरी दूब है बिछी हुई , तेरे स्वागत मैं ,
खिली सुनहरी धूप , तुम्हारे स्वागत में
गीत गा रहा ,खुशियों  के स्वच्छ गगन है
आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है   |
पक्षी कलरव करतें हैं ,तेरे स्वागत में ,
भँवरे गुनगुन गाते ,तेरे स्वागत में ,
हर पुष्प खिला है ,महक रहा सारा उपवन है ,
आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  |
चहुं ओर जल रहे ,नन्हें दीपक ,तेरे स्वागत में ,
हर द्वार सजा है ,आज तुम्हारे स्वागत में ,
आओ तुमको सभी बुलाते ,तू तो प्यारा जग नंदन है ,
आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  |
आओ ,भय मुक्त करो ,जन मानस को तुम ,
समता का पाठ सिखाओ , सबको तुम ,

एक राह पर मिलकर चलने का सन्देश सुनाओ तुम ,
आज की इस मधुरिम बेला पर ,तुमको सब कुछ अर्पण  है    
आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  |
मतभेदों के शिखर गिराओगे, तुमसे यह आशा है ,
स्वप्न अधूरे पूर्ण करोगे , तुमसे यह अभिलाषा है ,
श्रम को फिर से न्याय मिलेगा , आज कह रहा जन -जन है ,
आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है  |
   

टिप्पणियाँ

एक टिप्पणी भेजें

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

ग़ज़ल

दोहा

मुक्तक