कब तक
कब तक सोती रहेगी यों ही सरकार |
कबतक हम खाते रहेंगे यों ही मार |
अभी तो हम २५ मई भूले भी नहीं थे ,
अभी तो हमारे आँसू सूखे भी नहीं थे ,
अभी तो जख्म भरे भी नहीं थे ,
कर दिया ७ सितम्बर को एक और प्रहार |
कब तक सोती रहेगी ...........................|
कभी बनारस , कभी लखनऊ को नापाक किया ,
कभी हैदराबाद ,अहमदाबाद को है दर्द दिया ,
कभी धन कुबेर मुंबई को है रुला दिया ,
अब तो हमला कर डाला दिल्ली पर अबकी बार |
कब तक सोती रहेगी ................................ |
कब तक सहते रहेंगे हम ,
कब तक चुप रहेंगे हम ,
देश की जनता पूछ रही है ,
आज पुकार - पुकार |
कब तक सोती रहेगी ................................ |
वे घायलों को देखने जाते हैं ,
बड़ा बड़ा काफिला लेकर जातें हैं ,
लम्बी -लम्बी सलामी लेकर ,
रुपयों का मरहम लगाकर ,
वापस आ जाती है उनकी कार |
कब तक सोती रहेगी .................................. |
कहीं सुरक्षा में चूक हुई है ,
कहीं सुरक्षा में है खामी ,
आतंकवाद की बड़ी लड़ाई ,
का रटा- रटाया मन्त्र,
हम देख रहे हैं ,हम देखेंगे ,
वह कह जाते हर बार |
कब तक सोती रहेगी .............................. |
कब तक निर्दोषों को,
मारा जायेगा इस धरती पर ,
कब तक इस बगिया का
तहस -नहस होते देखेंगे हम ,
कब तक मूक - बधिर बन हम सब
देखेंगे, यह आतंकवाद का अत्याचार |
कब तक सोती रहेगी .................................. |
समय आ गया है ,भारत के जन -जन जागो तुम ,
समय आ गया है ,अपने पौरुष को पहचानो तुम ,
सारी मर्यादायें भंग हुईं हैं ,
सारी सीमायें टूट चुकी हैं ,
रण भेरी बज चुकी यहाँ अब ,
कर दो शंखनाद हुँकार |
कब तक सोती रहेगी .................................. |
कबतक हम खाते रहेंगे यों ही मार |
अभी तो हम २५ मई भूले भी नहीं थे ,
अभी तो हमारे आँसू सूखे भी नहीं थे ,
अभी तो जख्म भरे भी नहीं थे ,
कर दिया ७ सितम्बर को एक और प्रहार |
कब तक सोती रहेगी ...........................|
कभी बनारस , कभी लखनऊ को नापाक किया ,
कभी हैदराबाद ,अहमदाबाद को है दर्द दिया ,
कभी धन कुबेर मुंबई को है रुला दिया ,
अब तो हमला कर डाला दिल्ली पर अबकी बार |
कब तक सोती रहेगी ................................ |
कब तक सहते रहेंगे हम ,
कब तक चुप रहेंगे हम ,
देश की जनता पूछ रही है ,
आज पुकार - पुकार |
कब तक सोती रहेगी ................................ |
वे घायलों को देखने जाते हैं ,
बड़ा बड़ा काफिला लेकर जातें हैं ,
लम्बी -लम्बी सलामी लेकर ,
रुपयों का मरहम लगाकर ,
वापस आ जाती है उनकी कार |
कब तक सोती रहेगी .................................. |
कहीं सुरक्षा में चूक हुई है ,
कहीं सुरक्षा में है खामी ,
आतंकवाद की बड़ी लड़ाई ,
का रटा- रटाया मन्त्र,
हम देख रहे हैं ,हम देखेंगे ,
वह कह जाते हर बार |
कब तक सोती रहेगी .............................. |
कब तक निर्दोषों को,
मारा जायेगा इस धरती पर ,
कब तक इस बगिया का
तहस -नहस होते देखेंगे हम ,
कब तक मूक - बधिर बन हम सब
देखेंगे, यह आतंकवाद का अत्याचार |
कब तक सोती रहेगी .................................. |
समय आ गया है ,भारत के जन -जन जागो तुम ,
समय आ गया है ,अपने पौरुष को पहचानो तुम ,
सारी मर्यादायें भंग हुईं हैं ,
सारी सीमायें टूट चुकी हैं ,
रण भेरी बज चुकी यहाँ अब ,
कर दो शंखनाद हुँकार |
कब तक सोती रहेगी .................................. |
समसामयिक अच्छी प्रस्तुति ..जनता जागेगी तो सरकार की नींद भी खुलेगी
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