नव वर्ष शुभ हो

                                                                                                               

आ गया नव वर्ष तेरे द्वार पर फिर 
दे रहा तुमको बधाई आज है |
शक्ति ज्ञान  तुझे   देगा यह ,
कुमति दूर कर देगा   यह  ,
मार्ग प्रशस्त करेगा तेरा  ,
रखेगा सम्मान यह तेरा |
गुणियों के आधार बनोगे ,
प्लावित ज्ञान की गंगा करोगे ,
तारोगे  और तर   जाओगे |
पंथ तुम्हारा निष्कंटक हो ,
पंथ तुम्हारा उज्जवल होगा |
कनक कलेवर सा सुंदर मन ,
चन्दन सा सुरभित होगा |
तब जय का परचम लहरायेगा|
रेखा- चित्र सफलताओं का   ,
नूतन वर्ष यहाँ लिख देगा |
सारा विश्व चकित होगा जब  ,
तो गर्व मुझे भी तुम पर होगा |
रह जायेगा सत्य यहाँ पर ,
सोना तो सोना ही होगा |
नव वर्ष के नव प्रभात पर ,
जब भाई -भाई गले मिलेगें ,
तो दृश्य यहाँ का अदभुत का होगा |

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