नव वर्ष मंगल मय हो

नव प्रभात पर उदित भास्कर , आलोकित कर दे कण - कण |
हर पल गुलाब महके जीवन में ,खुशियों से भरा रहे आँगन ||
तुहिन बिन्दु सी अमल धवल , सुरभित   हो   जैसे   चन्दन |
मंगल मय नव वर्ष तुम्हें हो , भेज रहा हूँ मैं अपना  मन  ||

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