धनी हुआ तो क्या हुआ , जो करे न कौड़ी दान | जीवन उसका व्यर्थ है , जो जीता बिन सम्मान || जग की चिंता न करे , लक्ष्य , जो पाना होय | पथ में भूकें श्वान से , पथ नहिं बाधित होय || भाग्य सहारे बैठकर , मत छोड़े तू आस | बुद्धि ,शक्ति ,ज्ञान- बल , सब कुछ तेरे पास || पंकज परिवर्तन देखकर , काहे चित्त अधीर | लाभ - हानि के सोच में , मुद्रा क्यों गम्भीर ||
करारा व्यंग.."
जवाब देंहटाएंwaah achcha vyanga...
जवाब देंहटाएंबहुत खूब
जवाब देंहटाएंवाह, क्या बात है !
जवाब देंहटाएंkya khoob likha hai aapne. aisa hi to hota hai.bahut hi badhiya vyang padh kar maja aa
जवाब देंहटाएंgaya.
poonam
प्रिय मित्र , नीलेश माथुर जी ब्लॉग ज्वाइन करने और उत्साह वर्धन के लिए धन्यवाद
जवाब देंहटाएंआदरणीया पूनम जी ,
जवाब देंहटाएंमहत्व पूर्ण टिप्पणी के लिए आपको साधुवाद
सभी प्रशंसकों का हृदय से आभारी हूँ | आपके द्वारा हमारा उत्साह वर्धन ही हमारा सम्बल है |
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया
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