व्यापार

देखो मानुष कर रहा  ,है  मौतों का व्यापार |
पंकज यह क्या हो रहा , हर घर अत्याचार  ||
दूल्हा देखो बिक रहा ,खड़ा है बीच बाज़ार  |
लाख -लाख का मोल है ,कैसा यह व्यापार  ||

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