दोहा

प्राणी ऐसा जगत में , जन्म न लिया कोय  | 
होवे पूरा सदगुणी , अवगुण एक न होय  ||
पंकज विपदा  साथ दे , उसको अपना मान |
जस सुनार घिस- घिस करे ,सोने की पहचान  ||

टिप्पणियाँ

  1. सुन्दर भाव पहला दोहा में।

    पंकज विपदा में साथ दे , उसको अपना मान |
    जैसे सुनार घिस कर करे , सोने की पहचान

    उक्त दोहा को एक बार फिर से देख लें - कुछ सुधार की जरूरत है। यदि इन्ही शब्दों का प्रयोग किया जाय तो -

    पंकज विपदा साथ दे उसका अपना मान |
    जस सुनार घिस घिस करे सोने की पहचान।।

    उम्मीद है अन्यथा नहीं लेंगे। शुभकामनाएँ।

    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

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  2. दोहे के भाव बहुत अच्छे हैं....श्यामल जी के सुझाव से सहमत

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  3. बहुत सुंदर दोहे हैं

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  4. आज के समय में दोहे में बात करना ...wt an idea sirji?

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