मिठ्ठी ; आदेश कुमार पंकज
बहुत पुराना मेरे घर में ,
प्यारा - प्यारा तोता है ।
सुख - दुःख का साथी है ,
मैं जब सोता ,तो सोता है ।
रोज सवेरे जल्दी उठकर ,
राम - राम वह जपता है ।
घर में मेरे जो भी आये ,
राम - राम वह कहता है ।
प्यारा - प्यारा तोता है ।

सुख - दुःख का साथी है ,

मैं जब सोता ,तो सोता है ।

रोज सवेरे जल्दी उठकर ,

राम - राम वह जपता है ।
घर में मेरे जो भी आये ,

राम - राम वह कहता है ।
मखमल जैसा हरा वदन ,
हरी मिर्च वह खाता है ।
मीठी बोली सदा बोलता ,
मिठ्ठी वह कहलाता है ।
रानी मुन्नी के साथ - साथ
प्रतिदिन खेला करता है।
ख़ुद भूखा रह जाता है ,
पर उसको खाना देता है ।
हरी मिर्च वह खाता है ।
मीठी बोली सदा बोलता ,
मिठ्ठी वह कहलाता है ।
रानी मुन्नी के साथ - साथ
प्रतिदिन खेला करता है।
ख़ुद भूखा रह जाता है ,
पर उसको खाना देता है ।
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