आदेश कुमार पंकज :सीता राम

सबके रक्षक सीता राम ॥
कौशल्या का नंदन जो ,
अवधपुरी का चंदन जो ,
जन - जन का है वंदन वो ,
सीता राम जय सीता राम ।
सबके रक्षक सीता राम । ।
मात - पिता की आज्ञा धारी ,
चौदह वर्ष हुए वन चारी ,
राज्य - भोग को त्याग दिया ,
सीता राम जय सीता राम ।
सबके रक्षक सीता राम । ।
खर -दूषण को मार गिराया ,
रावण को था मजा चखाया ,
राज्य विभीषण को दिलवाया ,
सीता राम जय सीता राम ।
सबके रक्षक सीता राम । ।
सबके पालन हार हैं जो ,
सबके तारण हार हैं जो ,
हम सबके आधार हैं जो ,
सीता राम जय सीता राम ।
सबके रक्षक सीता राम । ।
दीनबन्धु - दीनेश्वर वो ,
जगती के जदीश्वर वो ,
कण - कण के परमेश्वर वो ,
सीता राम जय सीता राम ।
सबके रक्षक सीता राम । ।
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