धनी हुआ तो क्या हुआ , जो करे न कौड़ी दान | जीवन उसका व्यर्थ है , जो जीता बिन सम्मान || जग की चिंता न करे , लक्ष्य , जो पाना होय | पथ में भूकें श्वान से , पथ नहिं बाधित होय || भाग्य सहारे बैठकर , मत छोड़े तू आस | बुद्धि ,शक्ति ,ज्ञान- बल , सब कुछ तेरे पास || पंकज परिवर्तन देखकर , काहे चित्त अधीर | लाभ - हानि के सोच में , मुद्रा क्यों गम्भीर ||
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