पंकज के दोहे
साहस कभी न छोड़िये,देख मुसीबत मीत । रहा अडिग चट्टान सा ,उसने पायी जीत ।। साहस जीवन में भरे ,मित्र सुनो नव रंग । आस पास के लोग सब ,रहते उसके संग।। पंकज साहस व्यक्ति का ,है अचूक हथियार । इसके सफल प्रयोग से ,होती कभी न हार ।। नाव फँसी मझधार में ,मत छोड़ो पतवार । साहस से बढ़ते चलो , हो जाओगे पार ।। साहस से विपदा टले ,मन में रख विश्वास । दुश्मन भी आये नहीं ,पंकज तेरे पास।।