सूरज

सूरज
रोज़ सबेरे सूरज आकर, जग में उजियाला करता ।
चाहे कोई धर्म , मजहव हो, उनमे भेद नही करता ।
जीवन पथ पर बढते जाओ, हमको राह दिखाता है ।
कर्तव्य मार्ग से डिगो नही, हमको यही सिखाता है ।
रोज़ सबेरे सूरज आकर, जग में उजियाला करता ।
चाहे कोई धर्म , मजहव हो, उनमे भेद नही करता ।
जीवन पथ पर बढते जाओ, हमको राह दिखाता है ।
कर्तव्य मार्ग से डिगो नही, हमको यही सिखाता है ।

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