सूरज

सूरज रोज़ सबेरे सूरज आकर, जग में उजियाला करता । चाहे कोई धर्म , मजहव हो, उनमे भेद नही करता । जीवन पथ पर बढते जाओ, हमको राह दिखाता है । कर्तव्य मार्ग से डिगो नही, हमको यही सिखाता है ।
सागर सी गहराई हो
पर्वत सी ऊँचाई हो
रोम - रोम में खुशहाली हो
हर दिल में सच्चाई हो