आ ओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है | हरी दूब है बिछी हुई , तेरे स्वागत मैं , खिली सुनहरी धूप , तुम्हारे स्वागत में गीत गा रहा ,खुशियों के स्वच्छ गगन है आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है | पक्षी कलरव करतें हैं ,तेरे स्वागत में , भँवरे गुनगुन गाते ,तेरे स्वागत में , हर पुष्प खिला है ,महक रहा सारा उपवन है , आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है | चहुं ओर जल रहे ,नन्हें दीपक ,तेरे स्वागत में , हर द्वार सजा है ,आज तुम्हारे स्वागत में , आओ तुमको सभी बुलाते ,तू तो प्यारा जग नंदन है , आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है | आओ ,भय मुक्त करो ,जन मानस को तुम , समता का पाठ सिखाओ , सबको तुम , एक राह पर मिलकर चलने का सन्देश सुनाओ तुम , आज की इस मधुरिम बेला पर ,तुमको सब कुछ अर्पण है आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है | मतभेदों के शिखर गिराओगे, तुमसे यह आशा है , स्वप्न अधूरे पूर्ण करोगे , तुमसे यह अभिलाषा है , श्रम को फिर से न्याय मिलेगा , आज कह रहा जन -जन है , आओ नव - वर्ष , तुम्हारा अभिनन्दन है | ...