महात्मा गाँधी और लाल बहादुर शास्त्री के जनम दिवस पर हर्दिक बधाई दो अक्टूबर

दो अक्टूबर बहुत महान । इसकी अज़ब निराली शान । इस दिन गुलशन में दो दीप जलें , जिनसे चमका हिन्दुस्तान । पहला सीधा - सच्चा था , दूजा दुबला - पतला था , थे, दोनों गुण की खान । दोनों भोले - भाले थे , दुश्मन के वो छाले थे , थे, दोनों चलते सीना तान । पहले ने मान सिखाया , दूजे ने मान कराया , दोनों ने दिलवाया था , निज भारत को सम्मान । पहला सत्य अहिंषा प्रेमी , दूजा बड़ा समर्थक था , प्राप्त हुई आज़ादी उनसें , हम रखेंगें इसकी आन ।