मुक्तक : आदेश कुमार पंकज
दोष मैं देता नहीं हूँ अदभुतको गगन को ,
दोष मैं देता नहीं हूँ उसके सृजन को ,
दोष मैं देता नहीं हूँ उसके सृजन को ,
पंख मद में चाहा था नापना इस व्योम को ,
अल्प पथ में थक गया मैं ,रो रहा उसकी चुभन को ।
अल्प पथ में थक गया मैं ,रो रहा उसकी चुभन को ।
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